वूडू लिली : मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण सिद्ध होगा विकृत लिं’ग का नियमित सेवन
बस्तर के जंगल में उगने वाला एक फूल बस्तर का बैलाडोरा, डेविल्स टंग (शैतान का जीभ), वूडू लिली, अमोर्फोफ्लस कोनजैक ,लाश फूल, विकृत लिं’ग और भी कई नामों से जाना जाता है. यह फूल कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा संतुलन में सहायक और मधुमेह के रोगी के लिए रामबाण से कम नहीं है।
डेविल्स टंग (शैतान का जीभ), वूडू लिली, अमोर्फोफ्लस कोनजैक ,लाश फूल न जाने इसे और किन किन नामों से जाना जाता होगा। यह काफी दिलचस्प पौधा है। यह बस्तर के जंगलों में पाया है। मूलतः यह उष्णकटिबंधीय इंडोनेशिया से संबंध रखता है। बस्तर की धरती पर इसका आगमन का इतिहास रिसर्च का विषय है।
इसके हर नाम के पीछे इसकी प्रकृति, रंग-सुगंध व उपयोगिता को लेकर एक कहानी है। बस्तर के जंगलों में घूमते फिरते अगर कोई अजीब सी गंध आए मानो कोई जानवर मरा हो लेकिन कोई लाश दिखाई दे तो यकिन मानिए आपके आसपास यह सुंदर और आकर्षित करने वाला फूल जरुर होगा। इसी गंध के कारण यह ‘लाश फूल’ कहलाता है।
प्रकृति की इस सुंदर रचना ने अपने गंध से इस उदाहरण को सत्य कर दिया कि हर खूबसूरत दिखने वाली चीज खूबसूरत नही होती। असल खूबसूरती वस्तु या व्यक्ति की नही उसके गुण की होती है।
यह फुल देखने से बिगड़े हुए आकार के लिं’ग के समान दिखाई देता है जिस कारण ‘विकृत लिं’ग’ भी कहा जाता है। गांव के लोग इसे बैलाडोरा के नाम से जानते है। ये एक जंगली फूल है जिसका किसी भी प्रकार से बस्तर जीवन में उपयोग नहीं देखा गया है।
इसे सबसे गंध वाले पौधों में से एक होने का स्थान प्राप्त है। इसकी तीखी लाश जैसी गंध के बावजूद, डेविल्स टंग का उपयोग भोजन और चिकित्सा में किया जाता है। जापानी लोग इस पौधे से एक लोकप्रिय व्यंजन बनाते हैं। कहा जाता है कि जो पकवान खाते हैं, वे शैतान की जीभ को खाते हैं। मेडिकल सर्कल में, यह वजन घटाने वाले उत्पादों जैसे लाइपोजीन और पीजीएक्स डेली में एक महत्वपूर्ण घटक है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी स्थिर कर सकता है, और मधुमेह के रोकथाम में मुख्य भूमिका निभा सकता है।
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